कथनी नहीं करनी पर विश्वास करता है वेटरंस इंडिया

  देशभक्ति और राष्ट्रवाद को जमीनी स्तर पर बढ़ावा देना जरूरी विजय दिवस पर दिवंगत शूरवीरों के परिजन सम्मानित श्रीप्रकाश शुक्ला नई दिल्ली। देशभक्ति और राष्ट्रवाद को जमीनी स्तर पर यदि कोई स्वैच्छिक संगठन बढ़ावा दे रहा है तो वह निःसंदेह वेटरंस .......

कतर की मेजबानी से फुटबॉल जगत खुश

कई पश्चिमी देशों के तमाम विरोध के बावजूद एशियाई देश कतर ने फीफा के तत्वावधान में फुटबॉल विश्व कप का सफल व गरिमामय आयोजन कर विकसित देशों को करारा जवाब दिया। यह आयोजन तमाम शुरुआती उलटफेर के अलावा बेहद रोमांचकारी फाइनल मैच के लिये याद किया जायेगा। तेज होती सांसों और बढ़ती धड़कनों के बीच फाइनल की रात अर्जेंटीना के चोटी के खिलाड़ी मेसी और फ्रांस के एमबापे के बीच शानदार खेल की जंग के रूप में याद की जायेगी। मेसी के लिये यह जीवन-मरण का प्रश्न था क्योंकि तमाम ख्याति और उपल.......

चरम पर पहुंचा फीफा विश्व कप फुटबॉल का रोमांच

-रत्ना श्रीवास्तव कोलकाता की सड़कें फुटबॉल खिलाड़ियों की पेंटिंग और फुटबॉल टीमों के झंडों से पट गई हैं। जगह-जगह चैम्पियन फुटबॉलर्स के कटआउट हैं। केरल में दीवानगी इतनी ज्यादा है कि सड़कों पर ही नहीं, नदियों में और बिजली के तारों में फुटबॉल सितारों की तस्वीरें और झंडे लगा दिए गए हैं। केरल के मंत्री को इन फुटबाल फैंस को चेतावनी देनी पड़ी कि ऐसा बिल्कुल नहीं करें।  केरल में कठमुल्ला इसलिए नाराज हो गए हैं कि उनके मजहब के लोग आखिर क्य.......

शेल्डन जैक्सन ने सौराष्ट्र को बनाया चैम्पियन

विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल में जड़ा नाबाद सैकड़ा खेलपथ संवाद अहमदाबाद। कौन कहता है कि मैं बूढ़ा हो गया हूं। क्या 30 साल के बाद किसी खिलाड़ी का चयन टीम इंडिया में नहीं किया जा सकता। ऐसे कई सवाल हैं जिनका जवाब जानने की 35 साल के शेल्डन जैक्सन ने जीतोड़ मेहनत की सौराष्ट्र को क्रिकेट की ताकत बनाया लेकिन वह राष्ट्र के लिए नहीं खेल सके। खैर, शुक्रवार को अहमदाबाद के नरेन्द्र मोदी मैदान में उम्र को धता बताते हुए शेल्डन जैक्सन ने नाबाद सैकड़ा.......

छुप-छुपकर खेली मुक्केबाज मनीषा मौन ने बढ़ाया मान

माता-पिता नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी खेले वर्ल्ड महिला बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में जीत चुकी है गोल्ड मेडल खेलपथ संवाद नई दिल्ली। बेटियां चाहें तो कुछ भी कर सकती हैं, जरूरत है उन्हें प्रोत्साहन की। हमारे देश की कई बेटियां पितृसत्तात्मक व्यवस्थाओं को कुचलते हुए देश का नाम रोशन करती रही हैं। उन्हीं में एक नाम 24 वर्षीय भारतीय मुक्केबाज मनीषा मौन का है। मनीषा के माता-पिता अपनी बेटी को खेलता नहीं देखना चाहते थे। वे उसकी शादी कराकर उसक.......

खूब खेलो क्रिकेटर बेटियों

पिच पर बराबर हुई ब्रांड वैल्यू सचमुच यह भारतीय महिला क्रिकेटरों के लिये बहुत बड़े तोहफे जैसा है। दरअसल, खेलों में लैंगिक समानता की दिशा में गुरुवार का दिन बड़ा ऐतिहासिक था। दुनिया के सबसे धनी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने घोषणा की है कि अब महिला क्रिकेटरों को भी उतनी ही फीस मिलेगी, जितनी अब तक पुरुष क्रिकेटरों को मिलती रही है। इससे पहले बीसीसीआई ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि आईपीएल की तर्ज पर ही अब महिला इंडियन प्रीमियर लीग का आयोजन किया.......

होनहार तीरंदाज साक्षी चौधरी को कब मिलेगी आर्थिक मदद?

गाजियाबाद की बेटी अपने तीर-कमान से कर रही मेडलों की बरसात खेलपथ संवाद गाजियाबाद। एक तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खिलाड़ियों को सुविधाएं तथा आर्थिक मदद देने की जब तब घोषणाएं करते हैं तो दूसरी तरफ खेल निदेशालय में बैठे जवाबदेह पदाधिकारियों को उदीयमान प्रतिभाएं नजर ही नहीं आतीं। यदि ऐसा नहीं तो फिर गाजियाबाद की होनहार तीरं.......

मल्लखम्ब में हिन्दुस्तान का शौर्यजीत

सबसे कम उम्र में राष्ट्रीय खेलों में जीता मेडल खेलपथ संवाद नई दिल्‍ली। प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती। 11 साल के शौर्यजीत ने राष्ट्रीय खेलों में मल्लखम्ब जैसी बहुत कड़ी प्रतिस्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर इसे चरितार्थ कर दिखाया। पिता को खोने के बाद भी इस छोटे हुनरबाज ने उनके सपने को मरने नहीं दिया। शौर्यजीत के पिता का सपना था कि उनका बेटा मल्लखम्ब में राष्ट्र का गौरव बढ़ाए। शायद पिता ने बहुत सोचकर ही उसका नाम शौर्यजीत रखा .......

एक दशक में ओड़िशा कैसे बना खेलों की राजधानी

उद्योगपतियों की मदद से अधोसंरचनाएं हुईं आबाद नवीन पटनायक ने भारतीय हॉकी को लिया गोद खेलपथ संवाद भुवनेश्वर। भारत के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित एक छोटे से राज्य ओडिशा ने खेलों में अपनी आश्चर्यजनक उपलब्धियों से भारत को गौरवान्वित किया है। इसने एक क्रांति लाई जिसने राज्य की गतिशीलता को बदल दिया। इसने देशभर के अन्य राज्यों के लिए 'ओडिशा स्पोर्ट्स मॉडल' का पालन करने के लिए एक उदाहरण स्थापित किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.......

मणिपुर से नसीहत लें यूपी, एमपी, राजस्थान और बिहार

1984 से मणिपुर में निकले 19 ओलम्पिक स्तर के खिलाड़ी मणिपुर की माताओं की लोरियों में छिपे होते हैं खेल के गुर खेलपथ संवाद नई दिल्ली। हमारी हुकूमतें खेलों के उत्थान का बेसुरा राग तो अलापती हैं लेकिन जमीनी स्तर पर उन पर अमल कतई नहीं किया जाता। देश की सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य उत्तर प्रदेश हो या मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार इन राज्यों के खेलतंत्र की कथनी और करनी में बहुत फर्क है। यही वजह है कि इन राज्यों से ओलम्पिक स्तर के तो क्य.......